साथ आएंगे, बदलाव लाएंगे

"हम संकल्पित हैं, बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने..."
श्री विष्णु देव साय
माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ शासन
"आइए साथ आएं, बाल विवाह के कुप्रथा को जड़ से मिटाएं..."
श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
माननीय मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग
"आइए, बाल विवाह को समाज से समाप्त करें..."
श्री ओ.पी. चौधरी
माननीय मंत्री, वित्त, वाणिज्य कर, आवास एवं पर्यावरण योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान से जुड़ें

आइए, शपथ लें

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने हेतु शपथ
  • मैं, सत्य निष्ठापूर्वक शपथ लेता / लेती हूँ कि 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह नहीं करूंगा / करूंगी।

  • मैं ऐसे किसी भी आयोजन में शामिल नहीं रहूंगा / रहूंगी, जहां बाल विवाह के रूप में अपराध किया जा रहा हो।

  • समाज में बाल विवाह के रूप में व्याप्त बुराई का सदैव विरोध करूंगा / करूंगी।

  • मैं, बाल विवाह होने पर इसकी सूचना तुरंत पंचायत एवं सम्बंधित विभाग एवं अधिकारी को दूंगा / दूंगी।

  • मैं, प्रण लेता / लेती हूँ कि छत्तीसगढ़ को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में आम जनों को जागरूक करते हुए पूरी ईमानदारी से हर संभव प्रयास कर करूंगा / करूंगी।

बाल विवाह एक कुप्रथा और अपराध है, आइए जानें क्यों?

...
बाल विवाह क्या है?

बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह, बाल विवाह की श्रेणी में आता है। किसी भी व्यक्ति द्वारा बाल विवाह करना, करवाना या बाल विवाह में किसी भी तरह से सहयोग करना दंडनीय अपराध है।

...
बाल विवाह के दुष्परिणाम?

बाल विवाह के कारण लड़का एवं लड़की दोनों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उनकी शिक्षा पूर्ण नहीं हो पाती है और वे कोई कौशल भी नहीं सीख पाते हैं, लेकिन उसके बाद भी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारी होने के कारण उन्हें पैसा कमाने के लिए काम करने पर मजबूर होना पड़ता है। शैक्षणिक और अन्य योग्यताएं कम होने के कारण उन्हें कम मजदूरी मिलती है और वे गरीबी के दुष्चक्र में फँसकर रह जाते हैं। कम उम्र में लड़की का तन और मन दोनों ही मातृत्व के लिए तैयार नहीं होता हैं। ऐसे में मातृत्व से जच्चा और बच्चा दोनों की जान को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है। बाल विवाह के कारण कुपोषण चक्र तोड़ने में कठिनाई होती है, जिससे कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर में वृद्धि होती है।

...
समाज एवं देश के लिए चुनौतियाँ
  • बाल विवाह के कारण किशोरियों में कुल प्रजनन क्षमता 17% से 26% तक बढ़ जाती है, जो कि देश की जनसंख्या पर एक अतिरिक्त दबाव है। (ग्लोबल सिंथेसिस रिपोर्ट, 2017)
  • 18 वर्ष से पहले 75 प्रतिशत किशोरियों के गर्भधारण की मुख्य वजह बाल विवाह है। (प्लान इंटरनेशनल, सर्वे , 2020)
  • बाल विवाह की समाप्ति से राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय और उत्पादकता में 1% की वृद्धि हो सकती है। (विश्व बैंक रिपोर्ट 2017)
  • बाल विवाह का भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह गरीबी का एक वंशानुगत चक्र बना सकता है। (जेनिफर पार्सन्स एट अल. 2015)
  • उच्च जनसंख्या बढ़ोतरी से जूझ रहे विकासशील देशों पर महिलाओं की कुल प्रजनन क्षमता में 17% की वृद्धि से नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिसका एक मुख्य कारण कम उम्र में अनचाहा गर्भ है। (विश्व जनसंख्या नीतियाँ - यूएन, 2021)
  • बाल विवाह के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को जीडीपी का लगभग 1.68% का नुकसान होता है। (रिषा सिंह, 2017)
  • बाल विवाह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और लैंगिक असमानता का प्रतीक है। (फैन, एस., कोस्की, 2022)
...
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान क्या है?

प्रदेश में बाल विवाह के आंकड़ों में कमी आ रही है किंतु इस सामाजिक बुराई को पूर्णतः समाप्त करने के लिए प्रदेश शासन प्रतिबद्ध है। प्रदेश में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ की अवधारणा को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन दृढ़ संकल्पित है। इस अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप देते हुए बाल विवाह से प्रदेश को मुक्त कराने हेतु पंचायती राज संस्थाओं व नगरीय निकायों के जन प्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों, स्वयंसेवी संगठनों, महिला समूहों, युवा संगठनों, शासकीय विभागों, गैर-शासकीय संस्थानों एवं आमजनों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जावेगी। शासन और समाज की सहभागिता से बाल विवाह के विरुद्ध व्यापक जन समर्थन से आगामी 3 वर्षों में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने हेतु इस अभियान को संचालित किया जाना है।

अभियान के मुख्य घटकः
...

बदलाव की कहानियाँ

बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए जुटे व्यक्तियों की कहानियाँ

Story 1
"शक्तिमान" बनकर बदलाव के बने नायक

बाल विवाह मुक्त समाज बनाने और बच्चियों के बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य की दिशा में गुरुदेव हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।

आगे पढ़ें
Story 2
शिक्षा की ओर कदम

जानें कैसे शिक्षा ने इस छोटे गाँव के बच्चों का जीवन बदला।

आगे पढ़ें
Story 3
सपनों की उड़ान

संघर्ष से लेकर सफलता तक - यह कहानी आपको प्रेरणा देगी।

आगे पढ़ें

🤝 आप देंगे साथ, तो बनेगी बात

छोटे-छोटे उपाय से ही बड़े बदलाव आते हैं। हमें बच्चों, समाज और देश को नुकसान पहुँचाने वाली बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने के लिए अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आवाज उठाने की जरुरत है। हम सभी मिलकर बच्चों को इस सामाजिक बुराई से बचा सकते हैं।

आइये, जिम्मेदारी निभाएं -
  • अपने आस-पास होने वाले किसी भी बाल विवाह की रिपोर्ट उचित अधिकारियों को दें।
  • अपने दोस्तों, परिवार और समाज को बाल विवाह के दुष्परिणाम बताते हुए इसे रोकने के लिए जागरूक करें।
  • बाल विवाह को बढ़ावा देने वाली किसी भी घटना का हिस्सा न बनने का वादा करें।
  • अगर किसी का बाल विवाह हो रहा है तो इसकी सूचना टोल फ्री नंबर 1098 या ERS 112 पर दें। (आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी)

बाल विवाह की सूचना दें

यदि आपको बाल विवाह की जानकारी हो, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें:

बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी

(जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, परियोजना अधिकारी, सेक्टर सुपरवाइज़र महिला एवं बाल विकास विभाग तथा ग्राम पंचायत सचिव)

जिला बाल संरक्षण इकाई
थाना प्रभारी

स्थानीय पुलिस बाल विवाह की सूचना पर तुरंत कार्रवाई करती है।

बाल कल्याण समिति

आपकी एक सूचना से बाल विवाह रोका जा सकता है!

बाल विवाह रोकने हेतु निःशुल्क हेल्पलाइन सेवाएं

चाइल्ड हेल्पलाइन 1098

बाल विवाह की जानकारी होने पर आप टोल फ्री नंबर 1098 पर कॉल करके इसकी सूचना दे सकते हैं। यह बच्चों की सहायता हेतु समर्पित नंबर है जो तत्काल मदद सुनिश्चित करता है।

डायल ERS 112

बाल विवाह की सूचना टोल फ्री नंबर ERS 112 पर भी दी जा सकती है। यह पुलिस सहायता सेवा बाल विवाह रोकने में मददगार साबित होगी।

महिला हेल्पलाइन 181

महिला हेल्पलाइन 181 महिलाओं की सुरक्षा हेतु समर्पित है। हिंसा या अपराध की स्थिति में इस सेवा के माध्यम से सहायता प्राप्त करें।